महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है, तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है”…
Said by - अनजान
तुम्हारी कब्र पर मैं फातिहा पढ़ने नही आया मुझे मालूम था तुम मर नही सकते तुम्हारी मौत की सच्ची खबर जिसने उडाई थी, वो झूठा था
Said by - अनजान
दोंनों ही भागीदार हैं बराबर इस जुर्म में..., मैंने जब नज़र मिलाई तो मुस्कुराए तुम भी थे ...!!!
Said by - अनजान
चेहरे पर हंसी छा जाती है! आँखों में सुरूर आ जाता है! जब तुम मुझे अपना कहते हो, अपने पर गुरुर आ जाता है...
Said by - बच्चन..
अब क्या फायदा बादलों के बरसने और गरजने का....? वो शख्स ही अपना ना रहा जो बिजली गरजने के डर से गले लग जाता था..
Said by - अनजान
वो आंख बड़ी ही प्यारी थी जो उसने हमें मारी थी. . . . . . हम तो मुफ्त में ही लूट गए यारों हमें कहां पता था कि उनको बाबा रामदेव वाली बीमारी थी
Said by - अनजान
हिचकियों से एक बात का पता चलता है, कि कोई हमे याद तो करता है बात न करे तो क्या हुआ, कोई आज भी हम पर कुछ लम्हें बरबाद तो करता है...
Said by - अनजान
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