किडनी ट्रांसप्लांट के साथ छह फ्रैक्चर प्लास्टर फ्री, एक पूरी बत्तीसी रिप्लेस कराने पर आंखों का लेजर ट्रीटमेंट, इस तरह के कई फेस्टिव ऑफर हम अपने मरीजों को दे रहे हैं।’
अस्पताल के एक मरीज मंगलू ने भी इन योजनाओं की काफी तारीफ की। उन्होंने कहा, “मुझे बुखार हो गया था और मैं यहां करीब दो हफ्ते भर्ती रहा। करीब ढाई लाख का बिल था, लेकिन मेरे पास इंशुरेंस है ये सुनकर साढ़े तीन लाख का बिल बना दिया गया। उधर इंशुरेंस वालों ने पैसे देने से मना कर दिया, इधर यहां साढ़े तीन लाख का बिल। पर तभी मैंने इनका फेस्टिव ऑफर देखा।
मेरी बीवी को किडनी में स्टोन की प्रॉब्लम लग रही थी। साइड में दर्द रहता था। यहां दिखाया तो इन्होंने कहा कि किडनी निकालनी पड़ेगी, पर इलाज मुफ्त में हो जाएगा। बस फिर क्या था साहब, हमने फ्री में निकलवा ली किडनी। लोग डॉकटरों को लुटेरा कहते हैं, पर ये तो फरिश्ते हैं फरिश्ते।” जहां कई पॉलिटिकल पार्टियां इस घोषणा को चुनावी रंग देने की कोशिश कर रही हैं, वहीं अस्पताल प्रशासन ने साफ किया है कि बढ़ते मेडिकल खर्चों को कम करना ही उनकी सबसे बड़ी प्रायोरिटी है।
डॉक्टर इरादतन के शब्दों में, “जहां लोगों का खर्च करोड़ों में हुआ करता था वहीं अब लाखों में ही निपट जाएंगे बेचारे।” उन्होंने बताया कि हम यह ऑफर अब बड़ी बीमारियों के साथ-साथ घरेलू इलाज से ठीक होने वाली छोटी-मोटी तकलीफों के लिए भी शुरू कर रहे हैं। जैसे कि सर्दी-जुकाम होने पर यदि आप 7 दिन अस्पताल में भर्ती होते हैं तो आने वाले समय में आपकी खांसी का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। वहीं आप पेट दुखने से संबंधी किसी मर्ज के कारण भर्ती होते हैं तो आपके घुटनों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। इन ऑफर्स को जनता का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
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