बादशाह अकबर अपने कुछ दरबारीयों के साथ नौका विहार के लिये गये। जब नोका नदी के बीचों-बीच पहूंची तो बादषाह को मजाक सुझा।
बीरबल बोला यह काम मैं काम कर सकता हूं मगर बादशाह बनने के बाद।
बादशाह अकबर बाले- ठीक है आज के दिन के लिए मैं तुम्हे बादशाह बनाता हू।
बीरबल तिनका लेकर नदीे में कुदने को हुए। कुदने से पहले उन्होने अंगरक्षकों से कहा- इस समय मेैं बादशाह हूँ, तुम अपने कर्तव्य का पालन करो।
यह सुनते ही अंगरक्षकों ने उन्हें पकड लिया और बोले- आप बादशाह हेै इसलिए हम आपको जान-जोखिम का काम नहीं करने देंगे।
बीरबल ने काफी जद्दोजहद की मगर अंगरक्षकों ने नहीं छोडा, इतने में नोका दूसरे किनारे पर जा लगी।
बादशाह अकबर बोले बीरबल तुम हार गये। हार कहां गया जहांपनाह, इस तिनके के सहारे ही तो मेैंने नदी पार की, यह मेरे पास नहीं होता तो मैं बादशाह नही होता और अंगरक्षक मुझे नदी में कुदने से भला क्यों रोकते ?
बादशाह अकबर हंसकर बोले- बीरबल तुमसे जीतना सचमुच मुश्किल काम है।
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