एक बार रेलवे स्टेशन
पर एक वृद्ध बैठे रेल का इंतजार कर रहे थे। वहाँ एक नवयुवक ने उन वृद्ध से पूछा-
अंकल, समय क्या हुआ है?
वृद्ध– मुझे नहीं मालूम !
युवक– लेकिन आपके हाथ में घड़ी तो है, प्लीज बता दीजिए न कितने बजे हैं?
वृद्ध सज्जन– मैं नहीं बताऊँगा।
युवक– पर क्यों?
वृद्ध– मुझे नहीं मालूम !
युवक– लेकिन आपके हाथ में घड़ी तो है, प्लीज बता दीजिए न कितने बजे हैं?
वृद्ध सज्जन– मैं नहीं बताऊँगा।
युवक– पर क्यों?
वृद्ध– क्योंकि अगर मैं तुम्हें समय बता दूँगा तो
तुम मुझे थैंक्यू बोलोगे और अपना नाम बताओगे, फिर तुम मेरा नाम, काम आदि पूछोगे।
फिर संभव है हम लोग आपस में और भी बातचीत करने लगें। हम दोनों में जान-पहचान हो
जायेगी तो हो सकता है कि ट्रेन आने पर तुम मेरी बगल वाली सीट पर ही बैठ जाओ। फिर हो
सकता है कि तुम भी उसी स्टेशन पर उतरो जहाँ मुझे उतरना है। वहाँ मेरी बेटी, जोकि
बहुत सुन्दर है, मुझे लेने स्टेशन आयेगी। तुम मेरे साथ ही होगे तो निश्चित ही उसे
देखोगे, वह भी तुम्हें देखेगी। हो सकता है तुम दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठो और
शादी करने की जिद करने लगो। इसलिए भाई, मुझे माफ करो ! मैं ऐसा कंगाल दामाद नहीं
चाहता जिसके पास समय देखने के लिए अपनी घड़ी तक नहीं ....................................................................................................................................
एक बंदूकधारी घुड़सवार अपनी यात्रा के दौरान एक जगह चाय पीने के लिये रुका। उसने
अपना घोड़ा चाय के होटल के पास एक पेड़ से बांध दिया और अंदर चाय पीने चला गया। जब
वह लौटा तो पाया कि उसका घोड़ा जगह पर नहीं है। किसी ने उसे चुरा लिया
था।
घुडसवार ने बंदूक से एक हवाई फायर दागा और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा – ”जिसने भी मेरा घोड़ा चुराया है वो सुन ले! मैं एक चाय और पीने अंदर जा रहा हूं। इस बीच अगर मेरा घोड़ा वापस जगह पर नहीं मिला तो याद रखना ….। इस जगह वही हाल करूंगा जो घोड़ा चोरी होने पर मैंने जयपुर में किया था!”
चाय पीकर जब वह लौटा तो उसका घोड़ा अपनी जगह पर वापस बंधा था। वह उसपर सवार होकर चलने लगा तभी होटलवाले ने आवाज देकर उसे रोका – ”भाई, जरा वो किस्सा तो सुनाते जाओ । जयपुर में आखिर आपने क्या किया था ?”
”करना क्या था! वहां से पैदल ही चला गया था!”
घुडसवार ने बंदूक से एक हवाई फायर दागा और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा – ”जिसने भी मेरा घोड़ा चुराया है वो सुन ले! मैं एक चाय और पीने अंदर जा रहा हूं। इस बीच अगर मेरा घोड़ा वापस जगह पर नहीं मिला तो याद रखना ….। इस जगह वही हाल करूंगा जो घोड़ा चोरी होने पर मैंने जयपुर में किया था!”
चाय पीकर जब वह लौटा तो उसका घोड़ा अपनी जगह पर वापस बंधा था। वह उसपर सवार होकर चलने लगा तभी होटलवाले ने आवाज देकर उसे रोका – ”भाई, जरा वो किस्सा तो सुनाते जाओ । जयपुर में आखिर आपने क्या किया था ?”
”करना क्या था! वहां से पैदल ही चला गया था!”
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स्टेशन पे एक कुली से बाहर जाने का रास्ता पूंछा .
कुली ने कहा: " बाहर जाके पूंछो ."
मैंने ख़ुद ही
रास्ता ढूंढ़ लिया ,
बाहर जाके टैक्सी वाले से पूंछा :
" भाई साहब लाल किले का कितना लोगे ?"
जवाब मिला: " बेचना नही है ."
टैक्सी छोड़ , मैंने बस पकड़ ली ,
कंडक्टर से पूंछा: "जी , क्या मैं सिगरेट पी सकता हूँ ?"
वो गुर्र्रा कर बोला : "हरगिज़ नही , यहाँ सिगरेट पीना मन है."
मैंने कहा: "पर वो जनाब तो पी रहे है!"
फिर से गुर्र्र्राया : "उसने मुझसे पूंछा नही है."
लाल किले पंहुचा , होटल गया .
मेनेजर से कहा: "मुझे रूम चाहिए , सातवी मंजिल पे ."
मेनेजर ने कहा: "रहने के लिए या कूदने के लिए ?"
रूम पंहुचा , वेटर से कहा:
" एक पानी का गिलास मिलेगा ?"
उसने जवाब दिया: "नही साहब , यहाँ तो सारे कांच के मिलते हैं."
होटल से निकला , दोस्त के घर जाने के लिए ,
रास्ते में एक साहब से पूंछा:
" जनाब , ये सड़क कहाँ को जाती है ?"
जनाब हंस कर बोले: "पिछले बीस साल से देख रहा हूँ , यही पड़ी है...
कुली ने कहा: " बाहर जाके पूंछो ."
मैंने ख़ुद ही
रास्ता ढूंढ़ लिया ,
बाहर जाके टैक्सी वाले से पूंछा :
" भाई साहब लाल किले का कितना लोगे ?"
जवाब मिला: " बेचना नही है ."
टैक्सी छोड़ , मैंने बस पकड़ ली ,
कंडक्टर से पूंछा: "जी , क्या मैं सिगरेट पी सकता हूँ ?"
वो गुर्र्रा कर बोला : "हरगिज़ नही , यहाँ सिगरेट पीना मन है."
मैंने कहा: "पर वो जनाब तो पी रहे है!"
फिर से गुर्र्र्राया : "उसने मुझसे पूंछा नही है."
लाल किले पंहुचा , होटल गया .
मेनेजर से कहा: "मुझे रूम चाहिए , सातवी मंजिल पे ."
मेनेजर ने कहा: "रहने के लिए या कूदने के लिए ?"
रूम पंहुचा , वेटर से कहा:
" एक पानी का गिलास मिलेगा ?"
उसने जवाब दिया: "नही साहब , यहाँ तो सारे कांच के मिलते हैं."
होटल से निकला , दोस्त के घर जाने के लिए ,
रास्ते में एक साहब से पूंछा:
" जनाब , ये सड़क कहाँ को जाती है ?"
जनाब हंस कर बोले: "पिछले बीस साल से देख रहा हूँ , यही पड़ी है...
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एक चीता Cigarette का
सुट्टा लगाने ही वाला था की अचानक एक चूहा वहां आया और बोला :
" मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो "
चीते ने एक लम्हा सोचा फिर चूहे के साथ दौड़ने लगा .
आगे एक हाथी अफीम पी रहा था , चूहा फिर बोला ,
" हाथी मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो , देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो "
हाथी भी साथ दौड़ने लगा .
आगे शेर whisky पीने की तैयारी कर रहा था , चूहे ने उसे भी वही कहा .
शेर ने ग्लास साइड पर रखा और चूहे को 5- 6 थप्पड़ मारे .
हाथी बोला , " अरे ये तो तुम्हे ज़िन्दगी की तरफ ले जा रहा है , क्यों मार रहे हो इस बेचारे को ?"
शेर बोला , " यह कमीना पिछली बार भी Bhang पी कर मुझे 3 घंटे जंगल मै घुमाता रहा "
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" मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो "
चीते ने एक लम्हा सोचा फिर चूहे के साथ दौड़ने लगा .
आगे एक हाथी अफीम पी रहा था , चूहा फिर बोला ,
" हाथी मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो , देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो "
हाथी भी साथ दौड़ने लगा .
आगे शेर whisky पीने की तैयारी कर रहा था , चूहे ने उसे भी वही कहा .
शेर ने ग्लास साइड पर रखा और चूहे को 5- 6 थप्पड़ मारे .
हाथी बोला , " अरे ये तो तुम्हे ज़िन्दगी की तरफ ले जा रहा है , क्यों मार रहे हो इस बेचारे को ?"
शेर बोला , " यह कमीना पिछली बार भी Bhang पी कर मुझे 3 घंटे जंगल मै घुमाता रहा "
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