बादशाह अकबर और बीरबल शिकार पर गए हुए थे। उनके साथ कुछ सैनिक तथा सेवक भी थे। शिकार से लौटते समय एक गांव से गुजरते हुए बादशाह अकबर ने उस गांव के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई।
उन्होंने इस बारे में बीरबल से कहा तो उसने जवाब दिया- 'हुजूर, मैं तो इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता, किंतु इसी गांव के किसी बाशिन्दे से पूछकर बताता
बीरबल ने एक आदमी को बुलाकर पूछा-
'क्यों भई, इस गांव में सब ठीकठाक तो है न?’
उस आदमी ने बादशाह को पहचान लिया और बोला- 'हुजूर आपके राज में कोई कमी कैसे हो सकती है?’
'तुम्हारा नाम क्या है?' बादशाह ने पूछा।
उस आदमी ने बादशाह को पहचान लिया और बोला- 'हुजूर आपके राज में कोई कमी कैसे हो सकती है?’
'तुम्हारा नाम क्या है?' बादशाह ने पूछा।
'गंगा।’
'तुम्हारे पिता का नाम?’
'जमुना और मां का नाम सरस्वती है?’
'हुजूर, नर्मदा।’
'तुम्हारे पिता का नाम?’
'जमुना और मां का नाम सरस्वती है?’
'हुजूर, नर्मदा।’
यह सुनकर बीरबल ने चुटकी ली और
बोला- 'हुजूर तुरंत पीछे हट जाइए। यदि आपके पास नाव हो तभी आगे बढ़ें, वरना नदियों
के इस गांव में तो डूब जाने का खतरा है।’
यह सुनकर बादशाह अकबर हंसे बगैर न रह सकें।
(समाप्त)
यह सुनकर बादशाह अकबर हंसे बगैर न रह सकें।
(समाप्त)
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