उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद, जौनपुर और गाजीपुर जिले में इसे व्यावसायिक तौर पर काफी बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। चमेली के फूल, पत्ते तथा जड़ तीनों ही औषधीय कार्यों में प्रयुक्त किए जाते हैं।
इसके फूलों से तेल और इत्र का निर्माण भी किया जाता है। चमेली के पत्ते हरे और फूल सफेद रंग के होते हैं, परंतु कहीं-कहीं पीले रंग के फूलों वाली चमेली की बेलें भी पाई जाती हैं।
इसका स्वाद तीखा और सुगंधित होता है। चमेली का तेल और इत्र एक व्यावसायिक उत्पाद है, जो चमेली के फूलों से बनाया जाता है। चमेली का रस पीने से वात और कफ में काफी आराम मिलता है। यह शरीर को चुस्त-दुरुस्त और मन को प्रसन्न रखती है।
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