इस प्रश्न का उत्तर ठीक से पढ़ना जरूरी है। कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने ११९३ में शुरू करवाया था। पर ऐबक केवल काम शुरू ही करवा सका था कि उसकी मृत्यु हो गई। इल्तुतमिश ने जो ऐबक के बाददिल्ली की गद्दी पर बैठा, इसमें तीन मंजिलें जुड़वाईं। कुतुबमीनार में आग लगने के बाद उसका पुनर्निर्माण फिरोज शाह तुगलक के समय हुआ। इस प्रश्न का उत्तर देते समय प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले जल्दबाजी में गड़बड़ कर जाते हैं।
याद रहे कि काम शुरू ऐबक ने करवाया था और पूरा करवाया इल्तुतमिश ने, और १३८६ में मीनार को दुर्घटना के बाद दुरुस्त करवाया फिरोजशाह तुगलक ने। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर ही इस मीनार का नाम पड़ा जबकि कुछ बताते हैं कि बगदाद के संत कुतुबद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुबमीनार पड़ा। काकी बाद में भारत में आकर ही रहे। इल्तुतमिश इन्हें बहुत मानता था। ७२.५ मीटर ऊँची यह मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्मारकों की सूची में भी शामिल है। |
Tuesday, June 10, 2014
कुतुब मीनार का निर्माण किसने पूरा करवाया?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment