Tuesday, January 3, 2012

'सोए तो पत्थर बन जाओगे' की अफवाह से नहीं सोए लोग

कानपुर।। गणेश जी के दूध पीने जैसी अफवाह के कई सालों बाद एक और अफवाह ने लोगों की नींद हराम किए रखी। कानपुर और उसके आसपास के इलाकों में रात दो बजे के बाद तक लोग अपने-अपने घरों के बाहर खड़े रहे। लोगों के बीच अफवाह यह थी कि 'जो आज रात को सोया वह पत्थर बन जाएगा।' इस अफवाह के साथ कहीं-कहीं यह अफवाह भी थी कि सुबह भूकंप आने वाला है और कहीं यह अफवाह थी कि कई गांवों में जमीन में धंस गई है।

जिला प्रशासन भी इन अफवाहों को लेकर काफी परेशान रहा। कानपुर पुलिस के डीआईजी राजेश राय ने बताया कि सोमवार रात दो बजे के बाद अचानक लोगों के मोबाइल पर यह मेसेज आने लगे कि अगर आज रात को सोए तो पत्थर बन जाओगे।

इसके बाद डर की वजह से लोग आने अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए और एक-दूसरे से पूछताछ करने लगे। जैसे ही यह खबर पुलिस के आला अधिकारियों के पास पहुंची, उन्होंने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सड़कों पर गश्त तेज करवा दी।

रात 3 बजे के बाद तो सड़कों और चौराहों पर लोगों का भारी हुजूम जमा हो गया था और लोग एक-दूसरे से इस अफवाह के बारे में पूछताछ कर रहे थे। डीआईजी ने कहा, 'उन्होंने इस बारे में जानकारी ली तो कुछ लोगो ने उन्हें बताया कि उनके पास सोने पर पत्थर हो जाने की अफवाह के फोन उन्नाव और हरदोई जिलों से आए लेकिन सही-सही इस बात का पता न चल सका कि आखिर यह अफवाह उड़ी कैसे।

अफवाहों का आलम यह था कि महिलाएं अपने घरों में पूजा-पाठ करने लगीं और मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिदों का रुख कर लिया और वहां बैठ कर दुआएं मांगने लगे। शहर के चमनगंज, पी रोड, नवाबगंज, ग्वालटोली, बेकनगंज, किदवईनगर, गोविंद नगर जैसे दर्जनों मोहल्लों में सुबह तक लोगों की भारी भीड़ सड़कों पर जमा रही।

डीआईजी राय ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने और बहकावे में न आने की अपील की है।

उधर पड़ोसी जिले उन्नाव के संवाददाता के अनुसार वहां भी सोने पर पत्थर का इंसान होने की अफवाहों के कारण रात दो बजे के आसपास लोग सड़कों पर निकल आए। वहां कुछ जगह पर यह भी अफवाह थी कि सुबह बहुत विनाशकारी भूकंप आने वाला है। इस डर से भी सुबह तक लोग अपने अपने घरों के बाहर जमे रहे और किसी गंभीर घटना के डर से सहमे रहे।

उन्नाव और उसके आसपास शुक्लागंज पुरवा में महिलाओं ने इस अफवाह के डर से अपने घरों में पूजा पाठ शुरू कर दिया। इसी तरह कानपुर के ग्रामीण इलाकों में भी अफवाह फैली थी कि इलाके के कुछ गांव जमीन में धंस गए हैं जिसको लेकर काफी दहशत बनी रही और लोग एक दूसरे को फोन कर इस खबर की पुष्टि करते रहे। जिन लोगों के रिश्तेदार दिल्ली जैसे महानगरों में रहते थे, वहां पर भी लोगों ने फोन करके खैरियत पूछी।

इन अफवाहों से सबसे ज्यादा परेशान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पत्रकार रहे जिनके पास इन अफवाहों की पुष्टि के लिए रात दो बजे से सुबह पांच बजे तक लगातार फोन आते रहे लेकिन दिन निकलने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल अफवाह थी। डीआईजी राय कहते है कि चिंता की बात तो यह है कि आखिर यह अफवाह फैली कहां से और कैसे।

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