Tuesday, January 5, 2016

3 ईडियट (पार्ट 2)

रैंचो क्लास में मुस्कुराता रहता है।

टीचर—” आप मुस्कुरा क्यूँ रहे हो ? ”

रैंचो—” आज पहली बार फेसबुक में अकाउंट बनाया है। बहुत मजा आ रहा है। ”

टीचर—” ज्यादा मजा लेने की जरूरत नहीं है। ये बताओ पोस्ट (Post) किसे कहते हैं ? ”

रैंचो—” वो सबकुछ जो फेसबुक में भेजते है post कहलाती है। ”

टीचर—” ज़रा विस्तार से समझाओगे। ”

रैंचो—” सर, जो भी लोग फेसबुक पर डालते हैं, वो post है। घूमने गए, फोटो डाल दिया–post है, मैच देखा, स्कोर डाल दिया–post है, सर।
सर, एक्चुली हम post से घिरे हुए हैं।
कैटरीना की पिक से रोनाल्डो की किक तक, सब कुछ post है, सर।
एक सैकेंड में कमेन्ट, एक सैकेंड में लाइक।
.
कमेन्ट–लाइक….
कमेन्ट–लाइक….
कमेन्ट–लाइक….”

टीचर—” शट अप। अकाउंट बनाके ये करोगे। कमेन्ट-लाइक…..कमेन्ट-लाइक ?
हाँ…चतुर तुम बताओ। ”

चतुर—” पिक्चर्स, टेक्स्ट आर वीडियोज पोस्टेड थ्रू मोबाइल आर टैबलेट आर लैपटाप आर डेस्कटाप वाया डिफरेंट आपरेटिंग सिस्टम्स यूजिंग इंटरनेट ऑन फेसबुक इज काल्ड ए पोस्ट। ”

टीचर—” एक्सीलेंट ! ”

रैंचो—” पर सर, मैंने भी तो वही बोला, सीधे सादे शब्दों में। ”

टीचर—” सीधे सादे शब्दों में करना है, तो ऑर्कुट या ट्विटर के पेजेस पे एकाउंट बनाओ। ”

रैंचो—” लेकिन सर, दुसरे साइट्स भी तो…..”

टीचर—” गेट आउट ! ”

रैंचो—” क्यों, सर ? ”

टीचर—” सीधे शब्दों में, बाहर जाइए। ”

(रेंचो, बाहर जाता है और फिर लौट कर आता है।)

टीचर—” क्या हुआ ? ”

रैंचो—” कुछ भूल गया था, सर। ”

टीचर—” क्या ? ”

रैंचो—” ए यूटिलिटी बटन गिवन टू अस, टू प्रोटेक्ट अवर प्राइवेट डाटा, पिक्चर्स, मैसेजेस आर पर्सनल इनफार्मेशन फॉर बींग स्टोलन आर यूज्ड फॉर बेड परपज बाय हैकर्स आर एनीवन एल्स…..”

टीचर—” अरे, कहना क्या चाहते हो ? ”

रैंचो—” लॉगआउट सर, लॉगआउट करना भूल गया था। ”

टीचर—” तो सीधा, सीधा नहीं बोल सकते थे ? ”

रैंचो—” थोड़ी देर पहले कोशिश की थी सर, लेकिन आप को पसंद नहीं आया। “

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