अकबर – आज हम बहुत खुश हैं, सारे कैदियों को रिहा कर दिया जाये, जेल से एक बूढ़ा भी निकल के आया, अकबर – तुम तो बहुत बूढ़े हो, कब से यहां बंद हो ? बूढ़ा कैदी – हुजूर आपके पिताजी के ज़माने से कैद हूँ, अकबर रोते हुए बोला – इसको फिर से कैद में डाल दो, ये हमारे बापू की आखिरी निशानी है -
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एक बार संता को अकबर के सैनिकों ने पकड़ लिया और दरबार में लेके गये..
अकबर- कौन हो तुम??
संता- महाराज मैं सांता हूँ..
अकबर- इतनी रात को हमारे महल में क्या कर रहे थे??
संता- कुछ..कुछ नहीं महाराज(घबराते हुए)
अकबर- सैनिकों, इसे ले जाओ और बंदी बना दो..
संता- महाराज रहम करो, मुझे बंदी मत बनाओ मुझे बंदा ही रहने
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एक बार संता को अकबर के सैनिकों ने पकड़ लिया और दरबार में लेके गये..
अकबर- कौन हो तुम??
संता- महाराज मैं सांता हूँ..
अकबर- इतनी रात को हमारे महल में क्या कर रहे थे??
संता- कुछ..कुछ नहीं महाराज(घबराते हुए)
अकबर- सैनिकों, इसे ले जाओ और बंदी बना दो..
संता- महाराज रहम करो, मुझे बंदी मत बनाओ मुझे बंदा ही रहने
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