एक बार राजदरबार में बैठे बादशाह अकबर ने कागज पर पैंसिल से एक लंबी लकीर खींची।
फिर बीरबल को अपने पास बुलाया और कहा- कुछ ऐसा करो कि न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए?
बीरबल ने फौरन बादशाह के हुक्म की तामिल की और उस लकीर के नीचे एक दूसरी लकीर पहली से बड़ी खींच दी।
बीरबल ने कहा- अब आपकी लकीर मेरी लकीर से छोटी हो गई।
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Akbar : Birbal koi aisa tarika batao ki main khau peeu or mera roza na tute.
Birbal : Huzur logo se laate khao or gussa pee jao sab kuch tutega magar roza nahi tutega.
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Akbar to Birbal: Kuch aisa likho jise khushi me padho to gam ho… aur gam me padho to khushi ho.
Birbal ne likha:
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Ye Waqt Guzar Jayega
फिर बीरबल को अपने पास बुलाया और कहा- कुछ ऐसा करो कि न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए?
बीरबल ने फौरन बादशाह के हुक्म की तामिल की और उस लकीर के नीचे एक दूसरी लकीर पहली से बड़ी खींच दी।
बीरबल ने कहा- अब आपकी लकीर मेरी लकीर से छोटी हो गई।
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Akbar : Birbal koi aisa tarika batao ki main khau peeu or mera roza na tute.
Birbal : Huzur logo se laate khao or gussa pee jao sab kuch tutega magar roza nahi tutega.
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Akbar to Birbal: Kuch aisa likho jise khushi me padho to gam ho… aur gam me padho to khushi ho.
Birbal ne likha:
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Ye Waqt Guzar Jayega
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