जो खुद बड़े सपने नहीं देखते वे generally
दूसरों के बड़ो सपनो को भी नहीं समझ पाते . अगर आप भी अपने किसी सपने
को साकार करने में लगे हैं तो इस बात के लिए तैयार रहिये की आपको
एक encourage करने वाले तक पहुँचने से पहले दस discourage करने वालों को
face करना होगा .
जब आप अपने dreams को लोगों से share करेंगे
, ख़ास तौर पर ऐसे dreams जो लीक से हटकर हों तो ज्यादातर लोग आपकी
ideas पर doubt करेंगे …और अपने तर्कों -कुतर्कों से उसे वहीँ kill करने
में लग जायेंगे … and mind you most of the times वे ऐसा intentionally नहीं
करते , उनमे से कुछ तो इस तरह programmed होते हैं कि जब कोई चीज
सामने आती है तो उसे कमियां निकालने के मकसद से देखते हैं ; और बाकी
कुछ नया करने के जोखिम से डरते हैं ; इसलिए उन्हें अजीब लगता है कि
जब वे डरते हैं तो औरों को भी डरना चाहिए, उन्हें आपका ना डरना अस्वाभाविक लगता है
और वो आपको oppose करते हैं ताकि आप भी स्वाभाविक हो जाएं . And generally ये
हमारे करीबी लोग ही होते हैं , वे हमें मानते हैं और हमें सफल होते
भी देखना चाहते हैं , पर उनके दिमाग में सफलता का जो model defined है
वो आपके प्लान से match नहीं करता और शायद इसीलिए वो जाने – अनजाने
आपको discourage करने लगते हैं .
क्या ऐसे लोगों को
कोई importance नहीं देनी चाहिए ?
नहीं , ऐसा नहीं है , मेरा तो मानना है कि
जब आप starting phase में हों तो discourage करने वाले लोग encourage करने
वालों से अधिक महत्तव रखते हैं . I think आपको इसे एक challenge के रूप
में देखना चाहिए …जब आप ऐसे लोगों को convince करने की कोशिश कर रहे
होते हैं तो दरअसल आप खुद को ही और कन्विंस करने में लगे होते हैं
कि हाँ what I am going to do can be done…. इसकी चिंता मत करिए कि सामने
वाला convince हुआ की नहीं चिंता इसकी कीजिये कि आपका इरादा कमजोर तो
नहीं पड़ा …. आप अभी भी आगे बढ़ने को ready हैं कि आप अभी भी risk
लेने को तैयार हैं …
एक anecdote है …जब एक salesman से किसी ने
कहा कि तुम यहाँ जूते कैसे बेचोगे , यहाँ तो कोई जूते पहनता ही नहीं
तो salesman की आँखें चमक गयीं … “wow! इसका मतलब मैं यहाँ हर किसी को
जूते बेच सकता हूँ ….”
लोग आपके plans में कमियाँ निकालेंगे ही पर
अगर आप अपने idea को लेकर determined हैं तो वे आपको पीछे नहीं धकेल
पायेंगे …और अगर वे ऐसा कर लेते हैं तो उनके शुक्रगुजार रहिये ….
क्योंकि अगर आप उनके logic भर से doubt में आ गए तो reality में वो काम
करने में तो उससे कहीं अधिक चैलेंजेज आते …तब आप क्या करते ??
तो क्या इसका मतलब
मैं हार मान लूँ ?
Nooo, आप अपने idea को drop करके किसी और से
नहीं आप हारे क्योंकि कहीं न कहीं आप खुद अपने plan को लेकर convinced
नहीं थे …अब एक बार फिर आपको खुद को convince करना होगा …आपको existing
plan में कुछ change करना होगा या एक नया सपना देखना होगा …हाँ अगर आपको
अपने पहले plan में सचमुच खामियां नज़र आ जाती हैं तो उसे ढोने की
ज़रुरत नहीं कि …मैंने ऐसे -ऐसे सोचा था और सबसे बता भी दिया है अब
तो करना ही पड़ेगा , ये जानते हुए भी कि मैं खुद इससे convinced नहीं
हूँ फिर भी मुझे करना होगा …NO you don’t have to…ऎसी गलती कभी मत करिए
halfheartedly कोई काम मत शुरू करिए …as a human being आपमें infinite
potential है …किसी भी क्षण आप कोई भी नया सपना बुनने और उसे साकार
करने का माद्दा रखते हैं …so why waste your ability…कुछ नया सोचिये , एक
बार फिर जोश से भर जाइये और एक नए सपने के साथ दुनिया के सामने खड़े हो
जाइये!!
और अगर मैं लोगों
के discourage करने के बावजूद हार नहीं मानता तो ?
तो आप बधाई के पात्र हैं …. Congratulations
…. आपने वो stage पार कर ली है जिसपर 90% लोग अटक जाते हैं …यहाँ पहुँचने
का मतलब आपने अपने self-doubts clear कर लिए हैं , आपने खुद को और भी
convince कर लिया है कि Yes I can do it! अब आप discourage करने वाले
लोगों से दूरी बना लीजिये ….इन्हे तो आप already हरा चुके हैं … अब तो
बस आगे बढ़ना है अपने सपनो को साकार करना है .
मैंने भी जब AchhiKhabar.Com (AKC) शुरू किया था तो बड़े excitement के साथ
अपने plans लोगों को बताता था …पर बहुत कम ही वो excitement reciprocate
होती थी …ज्यादातर लोग Hindi blog के future को लेकर doubtful ही रहते थे
…और जब starting months में बस चालीस – पचास page views per day होते थे तो
भी मुझे कुछ करीबी लोगों से अपना प्लान change करने की सलाह मिली …but
as you know…I didn’t give up , मैं लगा रहा और आज AKC पर चालीस - पचास हज़ार page views per day
होते हैं.
Friends, आप जो भी कर रहे या करने का सोच
रहे हैं , आपको उससे तबतक पीछे हटने की ज़रुरत नहीं है जब तक आप इस
बात से convinced हैं कि आप value create कर रहे हैं …आप कुछ ऐसा कर
रहे हैं जो औरों की life आसान बना रहा है ! हो सकता है इसके बावजूद
आपको results मिलने में समय लगे …पर अगर आप डंटे रहेंगे तो आपको results
ज़रूर मिलेंगे …कई businesses में तो break-even point ही एक साल बाद आता
है ; यानि no profit no loss पर पहुँचने में 1 साल लग जाता है …so be
patient…लगे रहिये …और चाहे जितनी भी problems क्यों न आ जाएं सपने देखना मत
छोडिये…क्योंकि सपने सच होते हैं !
All the best.
No comments:
Post a Comment