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एक बार बादशाह अकबर अपने दो बेटों के साथ नदी के किनारे गए। साथ में बीरबल भी थे।
दोनों बेटों ने अपने कपडे़ उतारे और नदी में नहाने उतर गए।
बीरबल को उन्होंने अपने कपड़ों की रखवाली करने के लिए कहा।
बीरबल नदी किनारे बैठ कर उन दोनों के आने का इंतजार करने लगे। कपडे़ उन्होंने अपने कंधों पर रखे हुए थे।
बीरबल को इस अवस्था में खडे़ देख बादशाह अकबर के मन में शरारत सूझी।
उन्होंने बीरबल को कहा, 'बीरबल
तुम्हें देख कर ऐसा लग रह है जैसे धोबी का गधा कपडे़ लाद कर खडा़ हो।'
बीरबल ने झट से जवाब दिया, 'महाराज धोबी के गधे के पास केवल एक गधे का ही बोझ होता है, किंतु मेरे पास तो तीन-तीन गधों का बोझ है।'
बीरबल के मुंह से जवाब सुनकर बादशाह अकबर निरूत्तर हो गए।
बीरबल ने झट से जवाब दिया, 'महाराज धोबी के गधे के पास केवल एक गधे का ही बोझ होता है, किंतु मेरे पास तो तीन-तीन गधों का बोझ है।'
बीरबल के मुंह से जवाब सुनकर बादशाह अकबर निरूत्तर हो गए।
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