फिर भी आपने हाथी, कुत्ते, घोड़े और भी दूसरे जानवरों की आंखों से आंसू निकलते देखे होंगे, पर बात यह है कि इन आंसुओं का जानवरों के दुख और तकलीफ से कोई लेना-देना नहीं है।
ये आंसू तो वे आंखों को साफ रखने के लिए बहाते हैं। जब हम रोते हैं तो हमारी आंखों के चारों ओर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है और आंखों के पास की अश्रुग्रंथियों पर दबाव पड़ता है और इसी से आंसू बह निकलते हैं। जानवरों में इस तरह की मांसपेशियां होती ही नहीं हैं।
जानवरों की आंखों से निकलने वाले आंसू उनका दुख और तकलीफ नहीं बताते, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें दुख या तकलीफ होती ही नहीं है। बस, अपनी बात कहने का उनका तरीका दूसरा है, जिसे उनके साथ रहकर समझा जा सकता है।
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