एक दिन संता किसी पार्क में बैठा था.
बंता: क्या कर रहे हो?
संता: बदला ले रहा हूं.
बंता: किस से?
संता: वक्त ने मुझे बर्बाद किया है, अब मैं वक्त को बर्बाद कर रहा हूं.
संता: बदला ले रहा हूं.
बंता: किस से?
संता: वक्त ने मुझे बर्बाद किया है, अब मैं वक्त को बर्बाद कर रहा हूं.
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बंता: तुम्हारे घर की नाली से बड़ी दुर्गन्ध आती है फिनायल क्यों नहीं छिड़कते?
संता: तुम्हें कैसे पता चला दुर्गन्ध आती है?
बंता: नाक से.
संता: तो अपने नाक में फिनायल क्यों नहीं छिड़कवा लेते?
बंता: नाक से.
संता: तो अपने नाक में फिनायल क्यों नहीं छिड़कवा लेते?
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बंता (खाना खाते हुए): ये तुम्हारा कुत्ता बहुत देर से घूर रहा है.
संता: तुम जल्दी से खा लो, नहीं तो वो अपनी प्लेट पहचान जायेगा.
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संता अंडे लेकर घर जा रहा था. बंता ने उसमें से कुछ अंडे मांगे…
संता: अगर तू बता दे कि मेरी टोकरी में क्या है, तो टोकरी के आधे अंडे तेरे…और ये भी बता दे कितने हैं तो 10 के 10 तेरे…और अगर ये भी बता दे कि अंडे किसके हैं….तो मुर्गी भी तेरी?
बंता: अबे कोई संकेत (Hint) तो दे दे.
बंता: अबे कोई संकेत (Hint) तो दे दे.
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