चेले ने कहा उस्ताद से
‘‘महाराज,
केवल झाड़ फूंकने से अब काम नहीं चलने वाला,
कुछ नया करो वरना लग जायेगा आपकी दरबार में ताला,
आप भी अब फिल्मी हीरो की तरह
माशुका पटाने के नुस्खे बताना शुरु करें,
शायद नये युवा आपके नाम के साथ शब्द गुरु भरें,
वरना यही सब थम जायेगा,
Teachers Day 2013
खालीपन का यहां गम आयेगा,
मेरा भी अब यहां मन नहीं लगता
छोड़ दूंगा आना जब वह उचट जायेगा।सुनकर उस्ताद ने कहा
‘‘जाना है तो चला जा,
तू ही इश्क गुरु बन कर आ,
हमसे यह बेईमानी नहीं हो पायेगी,
इश्क तो मिल जाये पैसे के धोखे मे,
अपनी तबाही पर रोते लोग
Teachers Day 2013
जब जिंदगी की सच्चाई दिखती अभाव के खोके में,
महंगाई का हाल यह है कि
सामान हो गये महंगे
आदमी सस्ता हो गया है,
आशिकी हो सकती है थोड़ी देर
जिंदगी का हाल खस्ता हो गया है,
जब तक किसी ने इश्क करने के तरीके पूछे
तभी तक ठीक है
Teachers Day 2013
हम फिल्म के हीरो नहीं
जिंदगी के फलासफे के उस्ताद है
किसी ने पूछा अगर गृहस्थी चलाने का तरीका
तब हमारे पास जवाब मुश्किल होगा,
कमबख्त,
जिस रास्ते से भाग कर
सर्वशक्तिमान का यह डेरा जमाया है
कुछ नहीं केवल उस्ताद का खिताब कमाया है
हम जानते हैं जो इश्क में हमने भोगा,
तू भी कर बंद आना कल से
वरना हमारे अंदर मरे आशिक का
भूत जाकर तेरी पीछे लग जायेगा।
‘‘महाराज,
केवल झाड़ फूंकने से अब काम नहीं चलने वाला,
कुछ नया करो वरना लग जायेगा आपकी दरबार में ताला,
आप भी अब फिल्मी हीरो की तरह
माशुका पटाने के नुस्खे बताना शुरु करें,
शायद नये युवा आपके नाम के साथ शब्द गुरु भरें,
वरना यही सब थम जायेगा,
Teachers Day 2013
खालीपन का यहां गम आयेगा,
मेरा भी अब यहां मन नहीं लगता
छोड़ दूंगा आना जब वह उचट जायेगा।सुनकर उस्ताद ने कहा
‘‘जाना है तो चला जा,
तू ही इश्क गुरु बन कर आ,
हमसे यह बेईमानी नहीं हो पायेगी,
इश्क तो मिल जाये पैसे के धोखे मे,
अपनी तबाही पर रोते लोग
Teachers Day 2013
जब जिंदगी की सच्चाई दिखती अभाव के खोके में,
महंगाई का हाल यह है कि
सामान हो गये महंगे
आदमी सस्ता हो गया है,
आशिकी हो सकती है थोड़ी देर
जिंदगी का हाल खस्ता हो गया है,
जब तक किसी ने इश्क करने के तरीके पूछे
तभी तक ठीक है
Teachers Day 2013
हम फिल्म के हीरो नहीं
जिंदगी के फलासफे के उस्ताद है
किसी ने पूछा अगर गृहस्थी चलाने का तरीका
तब हमारे पास जवाब मुश्किल होगा,
कमबख्त,
जिस रास्ते से भाग कर
सर्वशक्तिमान का यह डेरा जमाया है
कुछ नहीं केवल उस्ताद का खिताब कमाया है
हम जानते हैं जो इश्क में हमने भोगा,
तू भी कर बंद आना कल से
वरना हमारे अंदर मरे आशिक का
भूत जाकर तेरी पीछे लग जायेगा।
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