जनाब औरतों के सामने जरा संभल कर जुबान
खोलें
एक कवि की शादी हुई …
पहली मुलाकात में दूल्हे ने अपनी साहित्यक भाषा में अपनी दुल्हन से बातचीत की शुरुआत कुछ इस तरह से की -
“प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो , अभिलाषा हो , भावना हो, कामना हो..”
दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा-
“मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, मितेश हो ,सुरेश हो, रमेश हो..”
…………………….
ऐसा लड़का तो आई.सी.यू. वॉर्ड में ही मिलेगा !!
एक कवि की शादी हुई …
पहली मुलाकात में दूल्हे ने अपनी साहित्यक भाषा में अपनी दुल्हन से बातचीत की शुरुआत कुछ इस तरह से की -
“प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो , अभिलाषा हो , भावना हो, कामना हो..”
दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा-
“मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, मितेश हो ,सुरेश हो, रमेश हो..”
…………………….
ऐसा लड़का तो आई.सी.यू. वॉर्ड में ही मिलेगा !!
लड़की वाले : जी हमें तो ऐसा लड़का चाहिए जो
पान,
सिगरेट, दारू ना लेता हो.. सिर्फ़ उबला हुआ
शुद्ध
शाकाहारी खाना खाए, और दिन रात
भगवान
का नाम ले..!! .
.
.
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.
पंडित : ऐसा लड़का तो आपको सिर्फ़ गंगा
राम
हस्पताल के आई.सी.यू. वॉर्ड में ही मिलेगा
!!
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