37 साल के जोसे सल्वाडोर अल्वारेंगा की कहानी
सुनकर आपका दिल दहल जाए। जोसे एक तूफान के दौरान समंदर में भटक गया और 13 महीनों तक
वह अपने नौका पर ही ऐसी जमीन की तलाश करता रहा, जहां उसे कोई रहने वाला मिले। पूरी
कहानी एक अडवेंचर की तरह है, जिसे कोई भी सुनकर यकीन नहीं करता। मैक्सिको के 37 साल
के जोसे सल्वाडोर अल्वारेंगा मछली पकड़ने समंदर गया हुआ था। तभी वहां तूफान आ गया
और उसकी नाव समंदर में काफी दूर तक भटक गई। उसे 13 महीनों तक कोई किनारा नहीं मिला
और वह अपनी नाव के साथ समंदर में ही रहा।
इस दौरान उसे भूख लगी तो उसने समंदर से मेढ़क पकड़े, आसमान से थोड़ा नीचे आने पर पक्षी का शिकार किया। मछली, मेंढ़क और पक्षी खाकर वह इतने दिनों तक जिंदा रहा। बाद में किसी तरह से मेक्सिको से 8800 किलोमीटर दूर न्यू जीलैंड के पास मार्शल आयलैंड पर उसे किनारा मिला। इस व्यक्ति ने यह कहानी मार्शल आयलैंड में अमेरिकी राजदूत को बताई। वहां से उसे पहले हॉस्पिटल ले जाया गया, सेहत ठीक होने पर उसे घर भेजा जाएगा।
अल्वारेंगा ने बताया कि वह पिछले 15 साल से मछलियां पकड़ने का काम करता है। वह 21 दिसंबर 2012 को मैक्सिको से 23 फुट लंबी नौका पर निकला। तूफान आने के बाद वह समंदर में भटक गया। हालांकि, वह नाव पर ही रहा। इस दौरान समंदर की लहरें जहां-जहां उसे ले गईं वहां वह मछलियां, मेंढ़क और पक्षी खाकर जिंदा रहा। उसके साथ 15 साल का एक लड़का भी था। उसकी एक महीने बाद मौत हो गई।
इस दौरान उसे भूख लगी तो उसने समंदर से मेढ़क पकड़े, आसमान से थोड़ा नीचे आने पर पक्षी का शिकार किया। मछली, मेंढ़क और पक्षी खाकर वह इतने दिनों तक जिंदा रहा। बाद में किसी तरह से मेक्सिको से 8800 किलोमीटर दूर न्यू जीलैंड के पास मार्शल आयलैंड पर उसे किनारा मिला। इस व्यक्ति ने यह कहानी मार्शल आयलैंड में अमेरिकी राजदूत को बताई। वहां से उसे पहले हॉस्पिटल ले जाया गया, सेहत ठीक होने पर उसे घर भेजा जाएगा।
अल्वारेंगा ने बताया कि वह पिछले 15 साल से मछलियां पकड़ने का काम करता है। वह 21 दिसंबर 2012 को मैक्सिको से 23 फुट लंबी नौका पर निकला। तूफान आने के बाद वह समंदर में भटक गया। हालांकि, वह नाव पर ही रहा। इस दौरान समंदर की लहरें जहां-जहां उसे ले गईं वहां वह मछलियां, मेंढ़क और पक्षी खाकर जिंदा रहा। उसके साथ 15 साल का एक लड़का भी था। उसकी एक महीने बाद मौत हो गई।
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