Monday, March 31, 2014

Ek Rat Ke Kahani (Hindi)

चलो उठाओ... खींचो... जोर लगा के हइशा... क्या खाती है, हिल भी नहीं रही है हमसे... पता नहीं सारे मुश्किल SLA (Service Level Agreement) हमें ही क्यों मिलते हैं...
कुछ आवाजें सुनकर मेरी नींद खुल गयी, सामनें दो लोगों को देखकर मन ही मन डरते मै कडकी... कौन हो तुम लोग और यहां क्या कर रहे हो??
हम दोनों... एक नें अपनें बडे पीले दांत निकाल कर कहा, हम दोनों यमदूत हैं
अच्छा... हि हि हि... हि हि हि तुम लोग यमदूत हो... हि हि हि, मेरी हंसी काबू में नहीं आ रही थी और वो दोनों मेरा मुहं ताक रहे थे. सोडे के बुलबुले सी मेरी हंसी तुरन्त ही ठन्डी हो गयी.
ओह आप लोग, बैठिये, आप लोग यहां क्या कर रहे हैं, मैने जरा भोला बनने की एक्टिंग की.
तुम्हें ले जाने आये हैं...
मुझे... मुझे क्यों???
तुम्हारा वो क्या कहते हैं वक्त आ गया है, चलना तो पडेगा ही...
अच्छा, फिर आप लोग थोडा रुको मैं तैयार हो कर आती हूं  थोडा सज संवर कर आती हूं, वरना एक बार बिना मेकप के मुझे देखकर पतिदेव भी चुडैल चुडैल चिल्ला कर बेहोश हो गये थे.
हि हि हि... हसनें की बारी अब यमदूतों की थी
चुप्प्प्प्प्प्प्प्प्प मेरे घर में आकर मुझ पर हसनें की तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुयी, नामुरादों दफा हो जाओ यहां से... गायब... तुरन्त... मुझ पर हंस कर दोनों ने मेरा गुस्सा भडका दिया था
लेकिन आपके जानें का वक्त आ गया है... फिर पीले दांत वाला बोला
भाग यहां से... क्या वक्त वक्त की रट लगा रखी है... दोनों भाग जाओ इससे पहले कि मै हिट (HIT) डाल कर दोनों को काक्रोच की मौत सुला दूं
दोनों के चेहरे पर ऐसे भाव आये जैसे मैने अपनी बर्तन कटके वाली बाई की ३ महीनें की पगार मार ली हो
 मैडम हम अगर आपको लिये बिना गये तो... लम्बी नाक वाला बोल ही रहा था कि पीले दांत ने कुहनी मार कर उसे चुप करा दिया.
वो क्या कहते हैं, यही विधि का विधान है, यही हमारा काम है... हमें आपको ले जाना ही होगा

ले जा सकते हो तो ले जाओ... हि हि हि अब तक मुझे समझ आ गया था कि अगर वो मुझे ले जाने में सक्षम होते तो मै वहां खडी नहीं होती

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