Monday, February 10, 2014

बैंकों में हड़ताल, एटीएम खाली, आठ लाख करोड़ का बिजनेस ठप


बैंकों में हड़ताल, एटीएम खाली, आठ लाख करोड़ का बिजनेस ठप

नई दिल्ली। हड़ताल कोई भी हो, असर छोटे व्यापारी पर ही सबसे ज्यादा होता है। जी हां सरकारी एवं निजी बैंकों की हड़ताल का भी कुछ यही परिणाम दिखाई दे रहा है। बेसिक वेतन में 10 फीसदी वृद्ध‍ि की मांग को लेकर की गई हड़ताल के बाद देश भर के तमाम शहरों में सरकारी बैंकों के गेट पर ताले पड़े हुए हैं, एटीएम खाली हो रहे हैं। एटीएम मशीनों पर लंबी कतारे देखी जा रही हैं। अगर आपको पैसे की जरूरत है, तो तुरंत एटीएम से निकाल लें, क्योंकि कल एटीएम में पैसा हो न हो, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
यूनाइटेड फोरम अफ बैंक यूनियन के बैनर तले सरकारी और निजी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। यूनियन के संयोजक (उत्तर प्रदेश) वाई़ क़े अरोड़ा ने बताया, "हमारी मांग है कि केंद्र सरकार बैंककर्मियों का 10वां वेतन समझौता लागू करे और प्रस्तावित सुधार को खारिज करे।"
यूनियन के एक सदस्य ने कहा कि सोमवार शाम से ज्यादातर सरकारी और निजी बैंकों के एटीएम में नगदी की समस्या आ सकती है। पूरे देश में सरकारी क्षेत्र के 27 बैंक, 18 निजी बैंक, आठ विदेशी बैक और 48 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने यूबीएफयू द्वारा बुलाई गई बंद में हिस्सा लिया है।

कल एटीएम में पैसा हो न हो, इसकी कोई गारंटी नहीं

 
मुंबई का हाल

व्यावसायिक राजधानी मुंबई में व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाएं ठप पड़ गई हैं। शहर में सरकारी, निजी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके हुए हैं। हड़ताल का आह्वान करने वाले युनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूबीएफयू) के मुताबिक, हड़ताल सोमवार सुबह छह बजे शुरू हुई जो बुधवार शाम छह बजे तक चलेगी।
आल इंडिया बैंक इम्प्लोइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के उपाध्यक्ष विश्वास उतागी ने बताया, "हड़ताल व्यापक है। सहकारी बैंकों को छोड़ कर इन बैंकों के लाखों कर्मचारी सहित लगभग 90,000 बैंकों की शाखाएं विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों तक बंद रहेंगी।"
उतागी ने कहा कि वेतन वृद्धि के लंबित मामले सहित यूबीएयू निजी क्षेत्रों के बैंक, विलय, कार्पोरेट घरानों को नए लाइसेंस जारी करने, नॉन परफार्मिंग एसेट में वृद्धि जैसे बैंकिंग सुधार का भी विरोध कर रहा है। यूबीएफयू में एआईबीईए, नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक इम्प्लोइज, बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस, नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ इंडिया वर्कर्स, आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स शामिल हैं।
आर्थ‍िक जानकारों का अनुमान है कि इस हड़ताल से देश भर में करीब आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बैंकिंग कारोबार प्रभावित होगा। अख‍िल भारतीय कर्मचारी संगठन के महामंत्री सीएच वेंकटाचलम ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि इस हड़ताल से 10 करोड़ चेक रुक जायेंगे, जिस वजह से करीब 7,40,000 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन नहीं हो पायेगा। सबसे ज्यादा असर चेन्नई में पड़ेगा। वहां पर 90 लाख चेक नहीं भुन पाने की वजह से 64 हजार करोड़ रुपए का व्यापार ठप हो जायेगा।

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